छपरा में जेपीविवि के संबंद्ध डीबीएसडी कॉलेज के अनुदान मद से 5 करोड़ की निकासी

छपरा
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छपरा। हमेशा गड़बड़ी, विवाद व अनियमितता को लेकर सुर्खियो में रहने वाले जेपीविवि की संबद्ध इकाई देवराहा बाबा श्रीधर दास डिग्री कॉलेज कदना रामपुर गड़खा एक बार फिर सुर्खियो में आ गया है।  कॉलेज से  अनुमाद मद की राशि से एक ही दिन में करीब 5 करोड़ से अधिक रूपये की निकासी कर लिए जाने का मामला सामने आया है। उधर सबसे रोचक तथ्य तो यह है कि स्वंय जेपीविवि के कुलपति प्रो.फारूक अली ने रजिस्ट्रार से मामले पर शो कॉज करते हुए तीन दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। कुलपति द्वारा  रजिस्ट्रार को लिखे गए पत्र में  डीबीएसडी कॉलेज के अनुदान खाता से शैक्षेणिक वर्ष 2008-2009 एवं 2009-2010 से संबंधित जमा अनुदान की राशि लगभग 5 करोड़ रूपये से अधिक की निकासी एक ही दिन में किए जाने पर सवाल उठाया है। इसके साथ ही कुलपति ने कहा कि राज्य सरकार तथा पटना हाई कोर्ट द्वारा वाद संख्या सीडब्लूजेसी 13439 /2019 में दिनांक 29-8-2023 को पारित दिशा-निर्देशों विपरीत उक्त राशि की बंदरबांट किया गया है। उधर कुलपति प्रो. अली ने बिना उनकी अनुमति के रजिस्ट्रार पर वैसे व्यक्ति डा.अर्जुन प्रसाद यादव  को कॉलेज का प्रभार दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर किस परिस्थिति में वैसे व्यक्ति को कॉलेज का प्रभार दिया गया जिसके बर्खास्तगी का अनुमोदन विवि द्वारा किया जा चुका है।

डीबीएसडी कॉलेज के अनुदान मद की राशि में भुगतान किसे दिया गया इस पर भी सवाल उठ रहा है। कॉलेज के वर्तमान प्राचार्य निरंजन कुमार के अनुसार चेक संख्या 080126 के द्वारा बर्खास्त प्राचार्य डा.अर्जुन प्रसाद यादव द्वारा 5 लाख 80 हजार 840 रूपये की निकासी कि गई। जबकि शिक्षा विभाग की निदेशक का स्पष्ट आदेश है कि जो व्यक्ति चार्जशीटेड है उसे अनुदान मद की राशि से भुगतान नही करना है। बावजूद अर्जुन प्रसाद यादव द्वारा इतनी बड़ी राशि की निकासी कर ली गई। इतना ही उनके साथ कई ऐसे शिक्षक व कर्मियों को भी उक्त मद से राशि का भुगतान किया गया है। जो कॉलेज में है ही नही। इनमें नागेश्वर राय का भी नाम है जो बर्खास्त प्राचार्य के संबंधी है उनके नाम से उन्हे प्रयोगशाल प्रभारी बताते हुए चेक संख्या 08471 के द्वारा 1 लाख 85 हजार 234 रूपये का भुगतान किया गया। जबकि वे पूर्व में कोलकत्ता में काम करते थें। वहां रिटायर होकर वर्तमान पेंशन भी पाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि कॉलेज के वैसे 28 शिक्षक  जिनका चयन सेलेक्शन कमिटि से होने के बाद सिंडिकेट द्वारा अनुमोदित किया गया है। उनमें गिनती के ही शिक्षकों काे अनुदान की राशि प्राप्त हुई है। कमोबेश यही स्थिति कॉलेज शिक्षकेत्तर कर्मियों की भी है। कुल 51 में से लगभग दर्जन भर कर्मी ही वैसे हैं जिन्हे अनुदान की राशि प्राप्त हुई है।

बताते चलें की उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा 17 फरवरी 2023 को जेपीविवि के पदाधिकारियों के साथ हुए बैठक में मिले निर्देश के आलेाक में  रजिस्ट्रार द्वारा अपने पत्रांक 1762(आर) दिनांक 1-7-2023 के द्वारा सभी संबद्ध कॉलेज के सचिव/प्राचार्य से कॉलेज में विधिवत नियुक्त व कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों की सूची मांगा गया था। जिसपर अन्य कॉलेजो के साथ डीबीएसडी कॉलेज कदना के सचिव व प्राचार्य निरंजन कुमार द्वारा प्रथम श्रेणी दण्डाधिकारी से शपथ पत्र के साथ अपने संयुक्त हस्ताक्षर से पत्रांक 29/23 दिनांक- 7-7-2023 के द्वारा शिक्षको व कर्मियों  की सूची वांछित  सूचनाओं के साथ विवि को उपलब्ध करा दिया गया था। उसमें 28 शिक्षक व 51 शिक्षकेत्तर कर्मी का नाम शामिल था। अब सवाल यह उठता है जब विवि के पास सूची थी तो फिर सूची से बाहर के लोगों का भुगतान कैसे कर दिया गया।