छपरा। जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के सीनेट हॉल में रिसर्च मेथडोलॉजी पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। सबसे पहले कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित के साथ कुल देवता लोक नायक जय प्रकाश नारायण के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
विश्वविद्यालय में पहली बार ऐसा हुआ जब कोई कुलपति शिक्षक की भूमिका को निभाते हुए नज़र आए। डॉ (प्रो) पी के बाजपेयी ने लगभग 90 मिनट के क्लास में शोध प्रबंध का प्रारूप बनाना, सैंपलिंग के तरीके, डाटा एकत्रित करना, उनका विश्लेषण और शोध पत्र कैसे लिखा जाता हैं इन बातों को शोधकर्ताओं के सामने रखी।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने शोधार्थियों को रिफ्रेशर कोर्स में मनोयोग से प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया एवं उच्च कोटि का शोध करने हेतु सुझाव दिए। कुलपति ने प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय के शोध प्रगति में सहयोगी बनने एवं शिक्षण प्रशिक्षण के कार्यक्रमों में उच्चतर रूप में प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित किया।
बेसिक जानकारी के साथ ही सरल तरीके से इस विषयक कई गूढ बातों को समझाया। शोधार्थियों ने काफ़ी मनोयोग से माननीय कुलपति महोदय के व्याख्यान को सुना और काफ़ी प्रभावित दिखे।
उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि इस प्रकार की वर्कशॉप का होना प्रायोगिक दृष्टि से सही है। छात्रों को शोध की जानकारी होनी चाहिए। शोध एक प्रक्रिया है। शोध के माध्यम से नई-नई जानकारी लोगों तक पहुंच पाती है।
मौके पर विश्वविद्यालय समायोजक डॉ हरिश्चन्द्र, प्रो विश्वामित्र पाण्डेय,प्रो शंकर साह,प्रो कृष्ण कुमार,रिसर्च स्कॉलर मनीष पाण्डेय,अमरेश सिंह, परमजीत सिंह, जितेंद्र पाण्डेय, शालनी,रूपा, सुधा,विवेक,बिष्णु कुमार समेत सभी विभागों के रिसर्च स्कॉलर मौजूद रहे।
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