छपरा। सारण के लाल नीलाभ राजपूत ने आईआरसीटीसी के इंश्योरेंस पोर्टल में एक बड़ी खामी पकड़ी है। इस खामी की वजह से यात्रियों की निजी जानकारी लीक हो सकती थी। नीलाभ ने 23 जुलाई को इस बारे में सरकार को सूचित किया, जिसके बाद 30 जुलाई को इस खामी को दूर कर दिया गया। नीलाभ अभी नोएडा में साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट के तौर पर कार्यरत हैं।
नॉमिनी की जानकारी भी हो सकती है लीक :
उन्होंने बताया कि आईआरसीटीसी के इंश्योरेंस पोर्टल से यात्रियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, सीट नंबर, यहां तक कि उनके नॉमिनी की जानकारी भी लीक हो सकती थी। यहां से न केवल यात्रियों की निजी जानकारी आप जान सकते हैं, बल्कि यहां किसी पैसेंजर के नॉमिनी की डिटेल्स को भी बदला जा सकता था।
यात्रियों की निजी जानकारी खतरे में :
आईआरसीटीसी के इंश्योरेंस पोर्टल के इस खामी को खोजने के बाद नीलाभ ने 23 जुलाई 2024 को भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम को ईमेल किया। उन्होंने अपने ईमेल में इस खामी की पूरी जानकारी दी और बताया कि इससे किस तरह यात्रियों की निजी जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
सरकार ने नीलाभ की इस सूचना को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई करते हुए 30 जुलाई 2024 को इस खामी को दूर कर दिया गया। नीलाभ को इस बारे में ईमेल के जरिए सूचित किया गया और उनके काम की सराहना भी की गई।
छपरा के नौजवान की हो रही तारीफ:
साइबर सिक्योरिटी की भाषा में ऐसी कमियों को ‘बग’ कहा जाता है। ये बग किसी भी ऐप या सॉफ्टवेयर में हो सकते हैं और इनके जरिए हैकर्स यूजर्स की निजी जानकारी चुरा सकते हैं। किसी बग को ‘फिक्स’ करने का मतलब है कि उस कमी को दूर कर दिया गया है और अब उस रास्ते से यूजर्स की जानकारी लीक नहीं हो सकती।यह घटना इस बात का सबूत है कि इंटरनेट की दुनिया में हमारी निजी जानकारी कितनी असुरक्षित है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम खुद भी सावधान रहें और अपनी निजी जानकारी किसी के साथ भी शेयर ना करें।
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