टीबी के कलंक को मिटाने के लिए  आरोग्य मंदिर में तैनात होंगे टीबी चैंपियन

छपरा स्वास्थ्य
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
  •  इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के तहत चैंपियन को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
  • टीबी से पीड़ित लोगों का जमीनी स्तर पर करेंगे मदद

छपरा। जिले में अब टीबी के कलंक को मिटाने के लिए आरोग्य मंदिर स्तर पर टीबी चैंपियन को तैनात किया जायेगा। इसको लेकर सदर अस्पताल के जीएनएम हाल में केएचपीटी संस्था के द्वारा टीबी सर्वाइवर्स को टीबी चैंपियन के रूप में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह और केएचपीटी के स्टेट लीड पंकज कुमार शर्मा के द्वारा संयुक्त रूप से किया।

डॉ रत्नेश प्रसाद सिंह ने टीबी चैंपियंस की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टीबी चैंपियंस सेवा भाव से यक्ष्मा मरीजों के लिए काम करें और समाज में उदाहरण प्रस्तुत करें। उन्होंने इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के तहत टीबी चैंपियंस के माध्यम से यह एक सार्थक कदम है। उन्होंने बताया कि ऐसे टीबी मरीज जो टीबी से पूर्ण रूप से ठीक हो गए हैं और समाज की लिए कुछ करना चाहते है उन्हें टीबी चैंपियंस के रूप में चयन किया गया है वे प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के माध्यम से लोगो के बीच प्रचार प्रसार का काम करेंगे।

टीबी मुक्त पंचायत के लिए टीबी चैंपियंस सबसे बड़े संदेशवाहक:

इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के स्टेट लीड पंकज शर्मा ने कहा कि इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य टीबी के प्रसार को कम करना तथा टीबी से होने वाले मौत में कमी लाना है। प्रशिक्षण का उद्देश्य के बारे मे चर्चा करते हुए कहा कि टीबी मुक्त पंचायत के लिए टीबी चैंपियंस सबसे बड़े संदेशवाहक का काम कर सकते हैं। ग्रामीण स्तर पर टीबी चैंपियंस टीबी मुक्त पंचायत के लिए काम करें और लोगों को जागरूक करें।

टीबी चैंपियंस को आयुष्मान आरोग्य मंदिर  के स्तर पर तैनात किया जाएगा

इस परियोजना में टीबी चैंपियंस को आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एचडब्यूसी) के स्तर पर तैनात किया जाएगा जो ग्राम पंचायत में एडवोकेसी/सामुदायिक बैठकों में भाग लेकर ग्राम पंचायत के सदस्यों और सामुदायिक नेताओं की मदद से, टीबी केस-फाइंडिंग को बढ़ावा देने, बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, कम आय वाले परिवारों के लिए उपचार और पोषण सहायता प्रदान करने में सुविधा प्रदान करने में सहयोग करेंगे।

बाल और नाख़ून को छोड़कर किसी भी अंग को कर सकता है प्रभावित :

टीबी डीपीसी हिमांशु शेखर द्वारा टीबी के फैलाब, रोकथाम एबं उपचार से सम्बंधित विषय पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। क्षय रोग (टीबी) एक वायुजनित बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एम. ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है, यह शरीर के किसी भी हिस्से (बालों और नाखूनों को छोड़कर) को प्रभावित कर सकती है। जब पल्मोनरी टीबी वाला कोई पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता है, थूकता है या छींकता है, तो टीबी के कीटाणुओं को ले जाने वाली श्लेष्मा की बूंदें हवा में फैल सकती हैं। चूंकि टीबी वायुजनित है, इसलिए जो कोई भी बैक्टीरिया को सांस के माध्यम से ग्रहण करता है, वह टीबी से संक्रमित हो सकता है ।

यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है

क्षय रोग (टीबी) एक वायुजनित बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एम. ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होती है। यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है जो फेफड़ों को प्रभावित करती है, यह शरीर के किसी भी हिस्से (बालों और नाखूनों को छोड़कर) को प्रभावित कर सकती है। मौके पर सीडीओ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, डीपीसी हिमांशु शेखर, केएचपीटी के स्टेट लीड पंकज कुमार शर्मा, डिस्ट्रिक्ट लीड रमेश कुमार, एसटीएलएस कुमार अमित, एसटीएस मुकेश कुमार, अनंत कुमार, रतन संजय टीबी मुक्ति वाहिनी के राजू रंजन समेत अन्य मौजूद थे।

टीबी चैंपियन की भूमिका :

  • समुदाय से संभावित मामलों की पहचान करें और उन्हें निकटतम नामित टीबी पहचान केंद्र में भेजें
  • परिवार के सदस्यों को देखभालकर्ता के रूप में तैयार करने के लिए महीने में कम से कम एक बार टीबी से पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवारों से मिलें
  • घरेलू दौरे के दौरान देखभाल करने वालों को कई संपर्क बिंदुओं पर प्रशिक्षित करें
  • टीबी के लक्षणों वाले टीबी रोगियों के संपकों की पहचान करें और उन्हें नमूना संग्रह और परीक्षण के लिए एचडब्ल्यूसी में भेजें
  • व्यक्तिगत रूप से, लोगों के साथ स्वास्थ्य केंद्रों पर जाएं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका तुरंत परीक्षण हो
  • टीबी से पीड़ित व्यक्तियों और उनकी देखभाल करने वालों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करें
  • टीबी से पीड़ित उन व्यक्तियों को, जिन्होंने इलाज छोड़ दिया था, अपनी दवा फिर से लेने और सफलतापूर्वक इलाज पूरा करने के लिए प्रेरित करें
  • सामुदायिक स्तर पर ऐसी पहलों के कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में सीएचओ/एमओ को अद्यतन करें