Sonpur Mela: मेला में पहली बार होगा “Sonpur Idol” प्रतियोगिता, घुड़दौड़, सैंड आर्ट और लिटरेरी फेस्टिवल से बढ़ेगी चमक
जिलाधिकारी अमन समीर की अगुवाई में 13 कोषांग मैदान में, मेला होगा ऐतिहासिक

छपरा। एशिया का सबसे बड़ा और ऐतिहासिक हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला न केवल बिहार बल्कि पूरे देश की आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। सदियों पुराना यह मेला धार्मिक महत्ता के साथ-साथ व्यापार, पर्यटन और कला-संस्कृति का भी अनोखा संगम माना जाता है। गंगा-गंडक संगम तट पर लगने वाला यह मेला हर वर्ष लाखों पर्यटकों, श्रद्धालुओं और व्यापारियों को आकर्षित करता है। 2025 में होने वाला सोनपुर मेला एक बार फिर अपनी भव्यता और विविधता के साथ नई ऊँचाइयों को छूने की तैयारी में है।
इस वर्ष मेले का उद्घाटन 3 नवंबर को तथा समापन 4 दिसंबर को होगा। सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी अमन समीर ने 13 कोषांगों का गठन किया है। उन्होंने सभी कोषांगों के वरीय और नोडल पदाधिकारियों के साथ बैठक कर कार्ययोजना तय की और निर्देश दिया कि प्रत्येक कार्य को समय-सीमा आधारित ढंग से पूरा किया जाए।
मेले के लिए गठित प्रमुख कोषांग
- स्वागत समिति कोषांग: नगर आयुक्त छपरा सुनील कुमार पांडे व वरीय उपसमाहर्ता लतिफुर रहमान अंसारी।
- उद्घाटन एवं समापन समारोह कोषांग: अपर समाहर्त्ता और जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी रवि प्रकाश।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन कोषांग: उपविकास आयुक्त यतेंद्र कुमार पाल।
- साफ-सफाई एवं पेयजल आपूर्ति कोषांग: भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता सोनपुर।
- बैरिकेडिंग व स्नानघाट निर्माण कोषांग: अपर समाहर्त्ता व जिला आपूर्ति पदाधिकारी।
- अस्थायी विद्युतीकरण, प्रदर्शनी, चिकित्सा, विधि-व्यवस्था, प्रचार-प्रसार, सीएसआर और स्मारिका कोषांग के लिए भी वरीय अधिकारियों और नोडल पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस बार खास होगा “सोनपुर आइडल”
2025 के मेले में पहली बार “सोनपुर आइडल” सोलो सिंगिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत ऑडिशन होंगे और शीर्ष तीन विजेताओं को सम्मानजनक राशि देकर पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा घुड़दौड़, सोनपुर लिटरेरी फेस्टिवल, पुस्तक मेला, राज्य के बॉलीवुड कलाकारों का टॉक शो “क्राफ्ट”, भव्य गंगा आरती, डॉग शो और सैंड आर्ट फेस्टिवल जैसे आकर्षक कार्यक्रम भी होंगे।
प्रशासन की तैयारी और जनता की उम्मीदें
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को पूर्व तैयारी करने के निर्देश दिए हैं ताकि मेले में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक में उपविकास आयुक्त, नगर आयुक्त, अपर समाहर्त्ता, सिविल सर्जन समेत सभी कोषांगों के नोडल पदाधिकारी मौजूद रहे, जबकि अनुमंडल पदाधिकारी सोनपुर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि बिहार की पहचान और गौरव का प्रतीक है। 2025 का यह मेला परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत मिश्रण प्रस्तुत करेगा, जिससे न केवल स्थानीय लोगों को लाभ होगा बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी नया आयाम मिलेगा।