छपरा

Big Scam In Saran: सारण में महिला मुखिया ने की 43.80 लाख रूपये का गबन, पति के खाते में राशि ट्रांसफर, दो अधिकारी समेत मुखिया पर होगी FIR दर्ज

जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई जांच में खुली पोल

छपरा। सारण जिले के गड़खा प्रखंड के जलालबसंत पंचायत में सरकार द्वारा संचालित विकास योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता और घोटाले का मामला सामने आया है। आरोप है कि बिना कार्य कराए करीब 43.80 लाख रुपये की राशि की गलत निकासी की गई, जिसके बाद जिलाधिकारी अमन समीर ने इस गंभीर मामले में तीनों जिम्मेदार पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

डीएम ने लिया संज्ञान, उपविकास आयुक्त ने की जांच

मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने उपविकास आयुक्त को पूरे प्रकरण की जांच का जिम्मा सौंपा। जांच के दौरान मोहरामपुर का छठ घाट निर्माण, जलालबसंत का धोबीघाट, वार्ड संख्या 11 में नाला निर्माण, कब्रिस्तान की घेराबंदी और ओपन जिम का निर्माण जैसे कार्यों की गहनता से समीक्षा की गई। जांच में पाया गया कि इन योजनाओं में या तो कार्य हुआ ही नहीं या फिर फर्जी मापी दिखाकर राशि निकाल ली गई।

सारण में बाढ़ को लेकर DM ने जारी किया अलर्ट, ओवरलोडिंग नावों के परिचालन पर रोक, घाटों पर चौकीदार की तैनाती

मुखिया ने पति के खाते में ट्रांसफर कराई राशि

सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि पंचायत की मुखिया निकहत प्रवीण ने संबंधित योजना की राशि अपने पति के बैंक खाते में ट्रांसफर कराई। यह कार्रवाई पंचायती व्यवस्था और वित्तीय पारदर्शिता के सीधे उल्लंघन के दायरे में आती है।

advertisement

तीनों जिम्मेदारों को पाया गया दोषी

जांच में जिन लोगों को दोषी पाया गया, वे हैं:

  1. मुखिया निकहत प्रवीण
  2. पंचायत सचिव अनिल शर्मा
  3. तकनीकी सहायक आकांक्षा साहनी

इन तीनों पर योजनाओं के क्रियान्वयन में जानबूझकर लापरवाही, फर्जीवाड़ा और वित्तीय अनियमितता बरतने का आरोप है।

जिलाधिकारी का कड़ा एक्शन: दी ये पांच प्रमुख हिदायतें

जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी अमन समीर ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, गड़खा को दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई के लिए निम्न निर्देश दिए:

  1. तीनों दोषियों के विरुद्ध थाना में प्राथमिकी दर्ज की जाए।
  2. पंचायत सचिव के खिलाफ प्रपत्र ‘क’ में विभागीय आरोप गठित किए जाएं।
  3. तकनीकी सहायक के विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाए।
  4. मुखिया के विरुद्ध पंचायत राज अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार किया जाए।
  5. गलत तरीके से निकाली गई राशि की वसूली नहीं होने की स्थिति में ‘नीलाम पत्र वाद’ दर्ज कर चल संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
Railway News: एनईआर रेलवे की तकनीक से रेल पटरियों पर दौड़ रही है तरक्की, गति और सुरक्षा की ‘कुंजी’ बनी इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन

पंचायती व्यवस्था में पारदर्शिता पर सवाल

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर पंचायत स्तर पर विकास योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिन योजनाओं से आमजन को सुविधा मिलनी थी, उन्हें कागज पर ही समाप्त कर दिया गया। अब देखना यह है कि प्रशासनिक कार्रवाई कितनी तेजी से आगे बढ़ती है और दोषियों को कब तक जवाबदेह ठहराया जाता है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button
close