Lotus Cultivation: कमल की खेती से बन सकते हैं मालामाल, होगी तगड़ी कमाई, जाने उगाने का तरीका
Lotus Cultivation: कमल की खेती से बन सकते हैं मालामाल, होगी तगड़ी कमाई, जाने उगाने का तरीका

Lotus Cultivation: कमल की खेती से बन सकते हैं मालामाल, होगी तगड़ी कमाई, जाने उगाने का तरीका। आपने कमल का फूल तो देखा ही होगा, यह देखने में काफी सुंदर है इसकी खूबसूरती के कारण इसे राष्ट्रीय फूल का दर्जा दिया गया है। यह फूल अधिकतर तालाब या झील के पानी (ग्रोइंग लोटस इन फील्ड्स) में उगता है लेकिन अब इसे खेतों में भी उगाया जा सकता है। हाल ही में किसानों ने अपने खेतों में कमल की खेती शुरू की है जिससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है। आइए जानें इसके बारें में.
कमल की खेती
अब किसान अपने खेतों में कमल उगा सकते हैं। हाल ही में किसानों ने अपने खेतों में कमल की खेती शुरू की है जिससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है। लोगों का मानना था कि कमल पानी में ही उगता है लेकिन आज के आधुनिक युग में बढ़ती टेक्नोलॉजी ने लोगों की मानसिकता बदल दी है। Lotus Farming
Lotus Cultivation: कमल की खेती से बन सकते हैं मालामाल, होगी तगड़ी कमाई, जाने उगाने का तरीका
कम लागत में कई गुना ज्यादा मुनाफा
विशेषज्ञों के मुताबिक, किसान कम समय में कम लागत में कई गुना ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं। कमल की खेती मात्र तीन से चार महीने में तैयार हो जाती है। यही कारण है कि कमल की खेती को अधिक लाभदायक श्रेणी में शामिल किया गया है। Lotus cultivation
उचित खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
कमल की उचित खेती के लिए किसानों को हल्की काली चिकनी मिट्टी वाले तालाब की आवश्यकता होती है जिसमें पानी अधिक समय तक संग्रहित किया जा सके। यह देश के सभी उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों औट हिमालय, कश्मीर, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाटाष्ट्र और दक्षिण भारत में पाया जाता है।
कमल की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
भारत की जलवायु में कमल उगाना आसान है। इसके लिए गर्म मौसम, भरपूर पानी और धूप की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा, कमल को अच्छी तरह से विकसित होने के लिए 21 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर के पानी के तापमान की आवश्यकता होती है क्योंकि कमल को ठंड से बचाना आवश्यक है। इसके पूर्ण विकास के लिए सामान्य तापमान की आवश्यकता होती है क्योंकि यह पौधा उष्णकटिबंधीय है। Lotus Farming
कमल की खेती की तकनीक और बीजारोपण
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कमल की खेती जुलाई के महीने में कीचड़ में की जाती है। इसके लिए पहले मिट्टी की खुदाई की जाती है औट फिट खेतों को जैविक तरीके से तालाव के रूप में तैयार किया जाता है। आगे की प्रक्रिया में, कीचड़ तैयार करने के लिए खोदी गई मिट्टी औट पानी को अच्छी तरह मिलाया जाता है। फिर कमल की जड़े या चीज मिट्टी में टोपे जाते हैं। फिट लगभग 2 महीने तक खेतों की सिंचाई की जाती है। क्योंकि अच्छी फसल के लिए मिट्टी और पानी दोनों ही जरूटी है ताकि पौधों का विकास अच्छे से हो सके।
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कमल के पौधों में फूल आने का समय
कमल की खेती जुलाई से अगस्त के बीच की जाती है। इसके पौधे बीज से एक से डेढ़ महीने में निकल आते हैं। इसके पौधों की जड़ों में कई गांठें होती हैं जिनसे कई पौधे निकलते हैं। साथ ही पौधे के शीर्ष पर बीजों के गुच्छे तैयार हो जाते हैं। इस बीच, पौधों में फूल आने लगते हैं जिसके बाद किसान अक्टूबर से नवंबर तक फूल तोड़ सकते हैं। Lotus Cultivation: कमल की खेती से बन सकते हैं मालामाल, होगी तगड़ी कमाई, जाने उगाने का तरीका।
लागत और किसान कहाँ से बीज खरीद सकते
कमल की खेती में 15,000 रुपये से 22,000 रुपये के बीच लागत आती है जो अन्य फसलों की तुलना में बेहद कम बैठती है। इसके अलावा सरकार किसानों को कमल की खेती करने में मदद कर रही है। किसान बीज ऑनलाइन, नर्सरी या किसी उद्यान केंद्र से खरीद सकते हैं। इसकी पौध और बीज कई सरकारी नर्सरियों में निःशुल्क उपलब्ध हैं जहां से किसान आसानी से यह बीज और पौध ले सकते हैं। Lotus cultivation
कम लागत में होगा अधिक मुनाफा
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि एक एकड़ में कमल के लगभग 6,000 पौधे पैदा हो सकते हैं। जहां तक इसके फूलों की कीमत की बात है तो यह थोक रेट में लगभग 200 रुपये तक बिकता है। इसके अलावा, इसके बीज, कमल की कलियाँ, बीज के पत्ते और फूल अलग-अलग कीमतों पर बेचे जाते हैं। इससे किसानों को कम लागत पर 55 हजार से अधिक का मुनाफा हो सकता है। सरकार किसानों को जागरुक करते हुए कमल की खेती करने में मदद कर रही है।