Railway News: पहली बार सीवान से गोंडा तक पटरी पर दौड़ी 102 डिब्बों वाली मालगाड़ी
वाराणसी मंडल का पहला लॉन्ग हॉल प्रयोग सफल

छपरा। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल ने इतिहास रचते हुए पहली बार 102 डिब्बों वाली फर्स्ट लॉन्ग हॉल मालगाड़ी “बीएसबी वासुकी” का सफल परिचालन किया। यह उपलब्धि मंडल के परिचालन, विद्युत परिचालन एवं यांत्रिक (कैरेज एवं वैगन) विभागों के बेहतर सामंजस्य का नतीजा है।
सीवान से गोंडा तक का सफर
सीवान जंक्शन रेलवे स्टेशन पर तैयार की गई इस लॉन्ग हॉल मालगाड़ी में दो मालगाड़ियों को जोड़कर कुल 102 डिब्बे लगाए गए। “बीएसबी वासुकी” ने 21:40 बजे सीवान से प्रस्थान किया और कुसम्ही, गोरखपुर होते हुए सुबह 05:20 बजे गोंडा पहुंची। इस दौरान नियंत्रण कक्ष के कंट्रोलर और फील्ड सुपरवाइजरों ने मिलकर संचालन को सफल और सुरक्षित बनाया।
मंडल रेल प्रबंधक ने दी बधाई
वाराणसी मंडल के प्रथम सफल प्रयास पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मंडल रेल प्रबंधक श्री आशीष जैन ने कहा “फर्स्ट लॉन्ग हॉल बीएसबी वासुकी का सफल संचालन हमारे विभागीय सामंजस्य और टीमवर्क का परिणाम है। वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक अजय प्रताप सिंह, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (ऑपरेशन) धर्मेन्द्र यादव, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर (समाडि) अभिनव पाठक, सहायक मंडल परिचालन प्रबंधक ओमप्रकाश एवं विभागीय वरिष्ठ सुपरवाइजरों ने जिस तरह मिलकर काम किया, वह सराहनीय है।”
क्या है लॉन्ग हॉल ट्रेन?
लॉन्ग हॉल ट्रेन में दो या उससे अधिक मालगाड़ियों को जोड़कर एक ही बार में चलाया जाता है। इससे—
- रेल नेटवर्क पर भीड़ कम होती है
- लोडिंग-अनलोडिंग की प्रक्रिया तेज होती है
- परिचालन में समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है
वाराणसी मंडल के लिए बड़ी उपलब्धि
इस तरह का प्रयोग पहली बार वाराणसी मंडल में किया गया है, जो भविष्य में माल ढुलाई क्षमता बढ़ाने, परिचालन दक्षता सुधारने और लागत कम करने में सहायक सिद्ध होगा। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इस उपलब्धि से पूर्वोत्तर रेलवे को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी।