Railway Track: रेलवे ट्रैक की रफ्तार क्षमता में ऐतिहासिक सुधार, पटरियाँ अब 110KMPH स्पीड के लिए तैयार
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला रैक तैयार

रेलवे डेस्क। भारतीय रेलवे ने बीते एक दशक में ट्रेनों की स्पीड क्षमता को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर ट्रैक अपग्रेडेशन किया है। अब भारत के रेलवे नेटवर्क का 78.4% हिस्सा 110 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की सेक्शनल स्पीड का समर्थन करता है। ट्रैक इंफ्रास्ट्रक्चर में यह परिवर्तन रेलवे के आधुनिकीकरण और तेज़ गति की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
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रेलवे ने ट्रैक क्षमता बढ़ाने के लिए कई आधुनिक उपाय अपनाए हैं जिनमें शामिल हैं।
- 60 किलोग्राम की हैवी रेल पटरियाँ
- चौड़े बेस वाले कंक्रीट स्लीपर
- मोटे वेब स्विच,
- लंबे रेल पैनल,
- एच-बीम स्लीपर,
- और आधुनिक ट्रैक नवीनीकरण व रखरखाव मशीनें।
इन उपायों का सीधा असर यह हुआ है कि देशभर में ट्रेनों की औसत गति और सुरक्षा दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रेलवे ट्रैक की सेक्शनल गति में बदलाव (2014 बनाम 2025)
अनुभागीय गति (किमी/घंटा) | 2014 – ट्रैक किलोमीटर | प्रतिशत | 2025 – ट्रैक किलोमीटर | प्रतिशत |
---|---|---|---|---|
<110 किमी/घंटा | 47,897 | 60.4% | 22,862 | 21.6% |
110–130 किमी/घंटा | 26,409 | 33.3% | 59,800 | 56.6% |
130 किमी/घंटा और उससे अधिक | 5,036 | 6.3% | 23,010 | 21.8% |
कुल ट्रैक किलोमीटर | 79,342 | 100% | 1,05,672 | 100% |
वंदे भारत ट्रेनों की तेज रफ्तार और आधुनिकता:
फिलहाल देशभर में चल रही वंदे भारत ट्रेनें अर्ध-उच्च गति वाली ट्रेनें हैं, जिनकी डिज़ाइन स्पीड 180 किमी/घंटा और अधिकतम परिचालन गति 160 किमी/घंटा है। हालाँकि ट्रेनों की औसत गति ट्रैक की ज्यामिति, स्टेशनों पर रुकने, और सेक्शन में रखरखाव कार्य जैसे कई पहलुओं पर निर्भर करती है।
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रेल मंत्रालय द्वारा यह भी जानकारी दी गई है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का पहला प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है। इसके व्यापक क्षेत्रीय परीक्षण किए जा चुके हैं और अब पहला स्लीपर रैक सेवा में उतारे जाने की तैयारी में है।
भारतीय रेलवे की यह परिवर्तनकारी पहल केवल गति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे समय की बचत, ऊर्जा दक्षता, और यात्रियों की सुविधा भी सुनिश्चित हो रही है। आने वाले वर्षों में रेलवे ट्रैकों की यह प्रगति देश को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क की ओर ले जाने में सहायक होगी।