हज प्रशिक्षण शिविर हुआ आयोजित, यात्रियों लगाया गया टीका
स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और गाइड बुक भी प्रदान किया गया
छपरा। शहर के छोटा तेलपा अवस्थित मदरसा मदीनतुल उलूम में हज प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज साबिर हुसैन कासमी द्वारा कुरान की तिलावत से हुई. इसके बाद कारी आफताब आलम ने नातिया कलाम पेश किया. इस अवसर पर मदरसा नूर उलूम मकेर के मौलाना जफर कासमी ने हज और उमरा की पूरी प्रक्रिया का विस्तृत विवरण बताया और कहा कि हज हमें एकता और सद्भाव सिखाता है. हज यात्रा के दौरान आजमीन के लिए पूर्ण धैर्य और कृतज्ञता दिखाना सबसे महत्वपूर्ण है. अगर किसी भी तरह की परेशानी आए तो शिकायत न करें. बल्कि यह सोचें कि अल्लाह ने उन्हें अपने घर में मेहमान बनाया है. उन्होंने हज की फजीलत और हकीकत बयान करते हुए कहा कि हज का मुख्य मकसद अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करना और अपने अमल के तराजू पर तौलना है. हाजी इदरीस अंसारी ने हज यात्रा से संबंधित आवश्यक चरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यात्रियों को अपना पहचान पत्र हमेशा अपने साथ रखना चाहिए.
ताकि यात्रा के दौरान कोई परेशानी न हो. मदरसा मदीनतुल उलूम के नाजिम-ए-आला सह जिला हज प्रशिक्षक जावेद आलम ने सभी ओलेमा और हज यात्रियों को धन्यवाद देते हुए बताया कि राज्य हज कमेटी द्वारा इस केंद्र को जिले में हज यात्रियों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है. उन्होंने कहा कि मदरसा अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहा है. कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ. जिसमें मौलाना जफर कासमी ने हज यात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने और उसकी मकबूलियत के साथ देश में शांति और अमन की प्रार्थना की.
सरकार के निर्देशानुसार सभी हज यात्रियों को डॉक्टर फिरोज कमर के नेतृत्व में चिकित्सा दल द्वारा टीकाकरण के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट दिया गया. आयोजन कमिटी ने सभी 59 आजमीन-ए-हज को गाइड बुक भी वितरित किया गया. इस मौके पर मौलाना अशफाक कासमी, मरगूब अहमद, अशरफ, रिजवान, मौलाना हसनैन आदि मौजूद थे.
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