माँ अम्बिका भवानी ने पुत्र रत्न की मनोकमना पूरी की, सर्जरी के बाद भी पाठ कर रहा है सच्चा भक्त

छपरा
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छपरा। सारण जिले के आमी में स्थित मां अम्बिका भवानी के दरबार मे दुर्गा सप्तशती के पाठ करने की जज्बा ने एक भक्त अपनी शारीरिक वेदना को भी भुला दिया। पुत्र कामना से पिछले चार वर्षो से नवरात्रि पाठ कर रहे दिघवारा प्रखंड के बस्ती जलाल निवासी डाक्टर आशुतोष कुमार उर्फ वकील डाक्टर के नाम से विख्यात मां के एक भक्त ने बताया कि मां अम्बिका ने मेरे प्राण की रक्षा कर दी, तो व्रत व पाठ से क्यों समझौता करुं।

17 सितंबर को गंभीर रुप से घायल  आशुतोष ने 17-21 सितम्बर तक इजाजत रहने के बाद 22 सितंबर को पटना में सर्जरी कराई। डाक्टर ने छः महिने में राहत मिलने की संभावना जताई।

लेकिन सच्ची भक्ति व आस्था ने दो सप्ताह के भीतर हीं राहत दे दिया और वे पट्टी लगाए हुए हीं आमी मे खुद बाईक चलाकर 8-10 किमी की दूरी तय कर पाठ कर रहे हैं। मां अम्बिका ने उनके आस्था और विश्वास को तब और बलवती कर दी जब उन्हे पिछले वर्ष पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।