बिहार डेस्क: सुपौल में कोर्ट का एक अनोखा फैसला सामने आया है, जहां एक केस की सुनवाई के दौरान जिला अपर सत्र न्यायाधीश सप्तम की कोर्ट ने 10 फलदार वृक्ष लगाने और 6 माह तक उसके देखभाल की शर्त पर जमानत का आदेश दिया है. दरअसल, मामला राघोपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है. राघोपुर थाना कांड संख्या 249/17 की सुनवाई करते हुए एडीजे सप्तम अविनाश कुमार प्रथम ने स्पष्ट किया है कि शर्तों का उल्लंघन करने पर जमानत आदेश स्वतः रद्द हो जाएगा. कोर्ट ने जारी जमानत आदेश में कहा है कि सभी 6 अभियुक्तों की ओर से आत्म समर्पण सह जमानत आवेदन दाखिल किया गया है.
अभियुक्तों को पूर्व में भी जमानत का लाभ दिया गया था, लेकिन उचित पैरवी नहीं होने की वजह से बीते 7 जनवरी को बॉन्ड पेपर खंडित हो गया. इसी के साथ जमानत आदेश भी निरस्त हो गया था. इस बार अभियुक्तों ने भविष्य में दोबारा ऐसी गलती नहीं होने का भरोसा दिया. जिसके बाद कोर्ट ने बीते 3 और 19 जुलाई को जमानत दिया. अभियुक्तों को 10 हजार रुपए के दो प्रतिभूओं के साथ बॉन्ड पेपर दाखिल करने को कहा गया है, जिसमें एक दोस्त या कोई नजदीकी रिश्तेदार होंगे. यह जमानतदार 10 दिनों के अंदर कोर्ट में प्रस्तुत करने होंगे.इसके अलावा कोर्ट ने अभियुक्तों को सार्वजनिक स्थल पर 10-10 फलदार वृक्ष लगाने का भी आदेश दिया है.
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अभियुक्तों को पौधरोपण का स्थानीय मुखिया, सरपंच अथवा वार्ड पार्षद से फोटो सत्यापन कराना होगा. अभियुक्त इन वृक्षों का अगले 6 माह तक देखभाल करेंगे और 6 माह बाद उन वृक्षों की तस्वीर दोबारा कोर्ट में जमा करानी होगी. आपको बता दें कि मामला राघोपुर थाना क्षेत्र के धरहरा से जुड़ा है.
कांड के सूचक स्थानीय कपलेश्वर यादव ने 16 दिसंबर 2017 को दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि खेत में गेहूं की बुआई के दौरान वादी पक्ष की ओर से गाली गलौज, लाठी व फरसा से मारपीट की गई. मामले में कुल 14 लोगों को नामजद किया गया है, जिसमें इन लोगों पर हत्या के प्रयास का आरोप है. फिलहाल इस मामले में 8 लोग पूर्व से जमानत पर हैं.
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