छपरा। स्वास्थ्य विभाग की परिकल्पना है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों को उच्च गुणवत्ता और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले, इसके लिए कई स्तर प्रयास जारी है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य मिले इसके लिए राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत सर्टिफाइड करने का प्रयास जारी है। इसी कड़ी में शुक्रवार को दो सदस्ययी केंद्रीय टीम ने राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत सारण के मकेर प्रखंड के फुलवरिया स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर ( हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) का मूल्यांकन किया गया।
टीम में शामिल जम्मू कश्मीर के मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ विवेक महाजन और सफदरजंग हॉस्पिटल दिल्ली के डॉ जीशा श्रीकुमारण ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के गहनता से मूल्यांकन किया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र की आधार भूत संरचना, दवा की रख-रखाव और उपलब्धता, जाँच घर, टीकाकरण कक्ष, प्रसव पूर्ण जाँच कॉर्नर, परिवार नियोजन कॉर्नर, बायो मेडिकल बेस्ट प्रबंधन, डाक्यूमेंट्स, मरीजों को मिलने वाली सेवाएं आदि का जाँच किया।
साथ हीं ड्यूटी पर तैनात सीएचओ और एएनएम से आवश्यक पूछताछ की गयी। निरीक्षण के दौरान टीम ने केंद्र पर इलाज कराने आए मरीजों से बातचीत की। मरीजों ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर ने उनके लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बना दिया है। एक मरीज ने कहा, अब हमें इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ता। यहाँ घर के पास ही इलाज और दवाएं मिल जाती हैं, जिससे समय और पैसे की बचत होती है।
इस मौके प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेश चंद्र कुमार, बीएचएम रत्नेश कुमार, बीएमएनई अमित कुमार, बीसीएम विकास कुमार, सीएचओ वंदना बेनिवाल, एएनएम रुपम, एएनएम सोनी कुमारी, एएनएम कामिनी, पीएसआई से राजीव श्रीवास्तव, सिफार के डीपीसी गनपत आर्यन, वीबीडीएस मारुती करुणाकर,काउंसलर शुभम समेत अन्य मौजूद थे।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर के विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन:
टीम के सदस्यों ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण-पत्र प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सेवाओं और संतुष्टि स्तर का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है। इनमें उपलब्ध सेवाएँ, मरीजों के अधिकार, इनपुट, सपोर्ट सर्विसेस, क्लिनिकल सर्विसेस, इन्फेक्शन कंट्रोल, गुणवत्ता प्रबंधन और आउटकम जैसे पैरामीटर शामिल हैं। इन कड़े मानकों पर खरा उतरने वाले आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण-पत्र जारी किये जाते हैं।
राज्य स्तर से मिल चुका है एनक़्यूएएस का प्रमाण पत्र:
डीपीसी सह इंचार्ज डीसीक्यूए रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि फुलवरिया आयुष्मान आरोग्य मंदिर पहले राज्य स्तर से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत सर्टिफाइड हो चुका है। राज्य स्तरीय रैंकिंग में इस सेंटर को कुल 91 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ था। राज्य स्तर से प्रमाणित होने के बाद नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए अप्लाई किया गया था। जिसके बाद सेंट्रल टीम ने मूल्यांकन किया गया। नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए कम से कम 70% अंक आवश्यक है। अगर यह सेंटर नेशनल सर्टिफाइड हो जाता है तो केंद्र सरकार द्वारा 3 साल तक प्रत्येक वर्ष 1.26 लाख रूपये दिया जायेगा। जो आयुष्मान आरोग्य मंदिर के उन्नयन में ख़र्च किया जायेगा।
हर नागरिक को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिले :
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को वैश्विक सर्वोत्तम मानकों के अनुरूप ढालना है। इसके तहत स्वास्थ्य केंद्रों के लिए पूर्व निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है। इन मानकों में साफ-सफाई, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, उपकरणों की स्थिति, उपचार की प्रक्रिया और रोगियों की संतुष्टि शामिल हैं। साथ ही, मानक संचालन प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल के पालन की भी जांच की जाती है। एनक्वास का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य केंद्रों को अपनी गुणवत्ता का आकलन करने और उसे सुधारने के लिए प्रेरित करना है, ताकि नागरिकों को उच्चतम स्तर की चिकित्सा सेवाएं मिल सकें।
मरीजों को मिल रहीं है शत-प्रतिशत दवा:
सीएचओ वंदना बेनिवाल ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 151 प्रकार का दवा, 14 प्रकार के जाँच की सुविधाएं, टीकाकरण, प्रसव पूर्व जाँच, परिवार नियोजन की सेवा, ओपीडी, संचारी रोग, गैर संचारी रोग, मानसिक स्वास्थ्य, पीने का पानी, हर्बल गार्डन, शौचालय, अग्निश्मन यंत्र के साथ स्वच्छ वातावरण में गुणवत्ता पूर्ण सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रहीं है। बीमारियों की जांच के लिए 14 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध है। यहां पर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है।
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