“आवाज़ दो”: सारण पुलिस की पहल ने महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा, अधिकार और आत्मविश्वास से जोड़ा

छपरा। सारण जिले के मांझी प्रखंड में महिला और बाल सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक सारण कुमार आशीष के नेतृत्व में “आवाज़ दो” अभियान के अंतर्गत मटियार उच्च विद्यालय और मुबारकपुर उच्च विद्यालय में दो अलग-अलग जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति जन-जागरूकता फैलाना, उनके अधिकारों की जानकारी देना और उन्हें अपनी बात कहने का मंच देना था। कार्यक्रमों में सारण पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय विद्यालयों के शिक्षक, शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं और मीडिया कर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
मटियार उच्च विद्यालय में “आवाज़ दो” अभियान:
कार्यक्रम की शुरुआत मटियार उच्च विद्यालय से हुई, जहां महिला सुरक्षा, सशक्तिकरण और सामाजिक सहभागिता के विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। वरीय पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा लक्ष्य केवल अपराध को रोकना नहीं है, बल्कि समाज को इतना सक्षम बनाना है कि अपराध की कोई संभावना ही न रहे। महिलाएं यदि सशक्त होंगी तो समाज स्वतः सुरक्षित होगा।”
इस दौरान जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, बाल श्रम निषेध अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, और घरेलू हिंसा अधिनियम जैसे कानूनों के बारे में छात्रों को सरल भाषा में जानकारी दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिलाएं कैसे डायल 112, महिला हेल्पडेस्क, और आवाज़ दो कार्यक्रम की सहायता से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं।
छात्राओं ने साहस के साथ सवाल पूछे और कई ऐसे मुद्दों को सामने रखा, जिनसे यह स्पष्ट हुआ कि वे अब पहले से ज्यादा जागरूक और सक्रिय हैं।
मुबारकपुर उच्च विद्यालय में “पुलिस-पब्लिक जनसंवाद” कार्यक्रम:
दूसरा कार्यक्रम मुबारकपुर उच्च विद्यालय में आयोजित किया गया, जिसमें पुलिस और आम नागरिकों के बीच सीधे संवाद की व्यवस्था की गई। इस जनसंवाद में वरीय पुलिस अधीक्षक ने नागरिकों की समस्याएं सुनीं, सुझाव लिए और भरोसा दिलाया कि महिला एवं बाल सुरक्षा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
छात्र-छात्राओं ने महिला उत्पीड़न, साइबर अपराध, स्कूल से घर जाते समय सुरक्षा की चिंता, और बाल अधिकारों से जुड़े विभिन्न प्रश्न उठाए। पुलिस अधिकारियों ने न केवल जवाब दिए बल्कि स्थानीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का वादा भी किया।
“आवाज़ दो” का प्रभाव:
“आवाज़ दो” अभियान केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महिलाओं को न्याय, सुरक्षा और आत्मसम्मान दिलाने की दिशा में सारण पुलिस की ठोस पहल है। इस कार्यक्रम के कारण महिला उत्पीड़न की शिकायतों में जागरूकता के चलते बढ़ोतरी देखी गई है, जो दर्शाता है कि महिलाएं अब खुलकर सामने आ रही हैं।
सारण पुलिस का यह प्रयास न केवल सुरक्षित समाज के निर्माण की नींव रखता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि महिलाएं सिर्फ सहने के लिए नहीं बनीं, वे सशक्त होकर बदलाव की वाहक बन सकती हैं।