बिहार की राजनीति में एक और बाहुबली की एंट्री, चुनाव लड़ने के लिए 60 के उम्र में की शादी

बिहार
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

पटना। बिहार के कुख्यात बाहुबली गैंगस्टर अशोक महतो ने दिल्ली की लड़की से शादी रचाया ली है. मंगलवार की रात अशोक महतो ने कुमारी अनीता के साथ सात फेरा लिया. अब अशोक महतो राजनीति में अपना भाग्य अजमाना चाहता है. बताया ये भी जा रहा है कि कुछ दिन पहले लालू यादव ने अशोक महतो को बुलाकर कहा था कि चुनाव लड़ो, लेकिन महतो शादीशुदा नहीं थे। उन्हें डर था कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो कोई न कोई कहानी बनाकर नॉमिनेशन रद्द न हो जाए, इसलिए सेफ साइड खेलने के लिए उन्होंने दो दिनों में शादी कर ली। ताकि अगर उनको टिकट न मिले तो वे अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाएं। महतो ने आरजेडी से इस सीट पर दावा ठोक दिया है. और अपनी पत्नी कुमारी अनिता को चुनाव के मैदान में उतार दिया है.

मंगलवार की रात अचानक लगभग 50 गाड़ी की काफिला के साथ अशोक महतो दूल्हा बनकर मां जगदंबा स्थान के मंदिर में पहुंचा और शादी रचाई . शादी समारोह में बारात बनाकर उनके चाहने वाले व उनके सहयोगी और परिवार शामिल हुए हैं। अशोक महतो और उनकी पत्नी कुमारी अनिता के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए हैं. दिल्ली की रहने वाली कुमारी अनीता से शादी हो गई.

बिहार के नवादा में 1990 की दशक में एक बाहुबली नाम से चर्चित अशोक महतो की तूती बोलती है. 17 साल बाद जेल से निकलने के बाद लंबी काफिला निकला, समर्थन मिले और जब लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई तो अशोक महतो भी चुनाव के मैदान में उतर गए.

अशोक महतो गिरोह , जो बिहार में सक्रिय था , का नेतृत्व अशोक महतो ने किया था और इसमें पिंटू महतो भी शामिल था. अशोक महतो और उसका गिरोह 2005 में मौजूदा संसद राजो सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार थे. अशोक महतो को कैद कर लिया गया था लेकिन 2002 में वह नवादा जेल से भाग गया। जेल से भागने के दौरान पिंटू महतो ने तीन पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी.

कहा जाता है कि गिरोह के नेता या तो कुर्मी या कोइरी जाति से थे, और उन्हें नालंदा,नवादा और शेखपुरा क्षेत्रों में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था. 1990 के दशक के अंत में बड़ी संख्या में जाति के लोगों की हत्या के लिए महतो और उसका गिरोह जिम्मेदार था। महतो और गैंगस्टर अखिलेश सिंह के बीच प्रतिद्वंद्विता ने बिहार के नवादा , नालंदा और शेखपुरा जिलों के 100 से अधिक गांवों को प्रभावित किया था.