
छपरा। सारण जिले से रोज़ी-रोटी की तलाश में बाहर जाने वाले मजदूरों पर लगातार खतरे बढ़ते जा रहे हैं। मकेर के युवक की धनबाद में हत्या के ठीक एक दिन बाद अब इसुआपुर थाना क्षेत्र के रामपुर अटौली गांव के 35 वर्षीय मजदूर मुंद्रिका महतो की असम के तिनसुकिया में निर्मम पिटाई कर हत्या कर दी गई। मंगलवार को जब मुंद्रिका का शव गांव पहुंचा तो पूरे गांव में चीख-पुकार मच गई। पत्नी गीता देवी बेसुध होकर बार-बार गिर पड़ रही थीं, जबकि पांच छोटे-छोटे बच्चे भय और सदमे में हैं।
कैसे हुई घटना? मजदूरी मांगना पड़ा जान पर भारी
परिजनों के अनुसार मुंद्रिका महतो अपने गांव के ही आठ अन्य मजदूरों के साथ तिनसुकिया के एक चिमनी भट्ठा में काम करते थे। छठ पर घर आने के लिए सभी मजदूरों ने मालिक से अपनी मजदूरी मांगी। मालिक ने भुगतान से इनकार कर दिया, जिसके बाद मजदूर बाजार चले गए। लगभग दो घंटे बाद जब वे वापस लौटे तो मालिक आगबबूला हो गया।
आरोप है कि मालिक ने सभी मजदूरों को बांधकर बेरहमी से पीटा। पिटाई इतनी क्रूर थी कि मुंद्रिका वहीं गिर पड़े और उनकी मौत हो गई। घटना के बाद मालिक ने केवल दो मजदूरों को शव गांव तक भेजने के लिए छोड़ा, जबकि बाकी पांच मजदूरों को अब भी बंधक बनाए रखा गया है। बताया जा रहा है कि वे सभी घायल हैं।
एकमात्र कमाऊ सदस्य की मौत, परिवार पर टूटा संकट
मुंद्रिका महतो परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मौत के बाद पत्नी गीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार में पाँच बच्चे हैं—10 वर्षीय बबलू, 8 वर्षीय भोलू, 7 वर्षीया रूबी, 6 वर्षीय अखिलेश और 5 वर्षीया निधि। बच्चों की परवरिश और भविष्य को लेकर परिवार गहरे संकट में है।
जनप्रतिनिधियों ने दी सांत्वना
घटना की जानकारी होते ही मुखिया धनंजय पांडेय, जिला पार्षद छविनाथ सिंह, पूर्व जिला पार्षद गीता सागर राम, पूर्व मुखिया अच्छेलाल राय, कुमार शिवम, राजेंद्र रोशन सहित कई लोग पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। मुखिया ने परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान की और सरकार से तत्काल कार्रवाई एवं मुआवजे की मांग की।
लगातार दो दिनों में दो हत्याएँ, सारण में बढ़ी चिंता
लगातार दूसरे दिन बाहरी राज्यों में सारण के मजदूर की मौत की खबर ने जिले में आक्रोश और चिंता दोनों बढ़ा दी हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि सरकार मजदूरों की सुरक्षा और बाहरी राज्यों में निगरानी बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाए।



