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Railway Line Project Koderma-Barkakana: अब पटना से रांची की दूरी होगी कम, 3063 करोड़ की लागत से बनेगा 133KM लंबा नया रेलमार्ग

लंबी दूरी की यात्रा होगी आसान, रांची-पटना की दूरी घटेगी

रेलवे डेस्क। झारखंड के लिए बहुप्रतीक्षित कोडरमा-बरकाकाना (अरिगड़ा) रेल खंड दोहरीकरण परियोजना को आखिरकार केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। परियोजना की अनुमानित लागत 3063 करोड़ रुपये है और यह लगभग 133 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर लागू होगी।

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लंबी दूरी की यात्रा होगी आसान, रांची-पटना की दूरी घटेगी

वर्तमान में रांची से पटना की दूरी गोमो व बोकारो होते हुए 407.1 किमी है, जबकि कोडरमा-बरकाकाना मार्ग से यह दूरी 378.5 किमी रह जाती है।
अब दोहरीकरण होने के बाद इस मार्ग पर ट्रेन संचालन अधिक तेज और निर्बाध होगा, जिससे करीब 30 किमी की दूरी और घंटों का समय बचेगा। इससे रांची-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस के अलावा अन्य तेजगति वाली ट्रेनों के संचालन का रास्ता भी साफ हो जाएगा।

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प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं

घटकविवरण
कुल लंबाई133 किलोमीटर
लागत₹3063 करोड़
बड़े ब्रिज17
छोटे ब्रिज180
आरओबी (रोड ओवरब्रिज)42
अंडरपास (रोड अंडरब्रिज)13
लाभान्वित जिलेकोडरमा, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़
लाभान्वित गांव938 गांव, लगभग 15 लाख की आबादी
संभावित कारगो संचालन30.4 मिलियन टन प्रति वर्ष
अनुमानित डीजल बचत32 करोड़ लीटर प्रति वर्ष
हरित पहलपरियोजना क्षेत्र में 7 करोड़ पौधों का रोपण

औद्योगिक और कोयला क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा लाभ

यह रेल खंड झारखंड के कोयला उत्पादक जिलों से होकर गुजरता है। यहां से बड़ी मात्रा में कोयला, स्टील और खनिज सामग्री का परिवहन होता है। दोहरीकरण के बाद इस मार्ग की लोडिंग क्षमता कई गुना बढ़ेगी जिससे झारखंड की औद्योगिक अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ मिलेगा।


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हरित परियोजना भी होगी यह रेल लाइन

पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए, रेलवे द्वारा दोहरीकरण वाले पूरे हिस्से में सात करोड़ पौधे लगाए जाने की योजना है। इसके अलावा डीजल बचत के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी, जिससे यह परियोजना हरित व सतत विकास मॉडल का उदाहरण बनेगी।


संचालन की गति बढ़ेगी, रोजगार के अवसर भी

इस परियोजना के कार्यान्वयन से निर्माण के दौरान हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और इसके बाद बढ़े हुए ट्रेनों के संचालन से स्थानीय लोगों को व्यापार और आवाजाही में सुविधा प्राप्त होगी।


सरकार की प्राथमिकता में पूर्वी भारत का रेलवे नेटवर्क

रेल मंत्रालय लगातार पूर्वी भारत के रेलवे नेटवर्क को आधुनिक और मजबूत बनाने पर जोर दे रहा है। इससे पहले रांची-लोहार्डगा-टोरी और बोकारो-चंद्रपुरा जैसे सेक्शनों का उन्नयन किया गया था, और अब यह परियोजना पूर्वी रेलवे ग्रिड को नई ताकत देगी।


निष्कर्ष

कोडरमा से बरकाकाना रेल लाइन का दोहरीकरण झारखंड के परिवहन और औद्योगिक परिदृश्य में ऐतिहासिक बदलाव लाएगा। यह परियोजना न केवल रांची-पटना रेल यातायात को सुगम बनाएगी, बल्कि कोयला उत्पादन, पर्यावरण सुरक्षा और ग्रामीण कनेक्टिविटी के क्षेत्र में भी मील का पत्थर साबित होगी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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