छपरा

फाइलेरिया नेटवर्क सदस्यों ने स्कूली बच्चों के साथ निकाली जागरूकता रैली, दवा सेवन के प्रति किया जागरूक

• फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क सदस्यों के सहयोग से निकाली गयी जागरूकता रैली
• स्कूली बच्चों ने एक सुर में कहा- आईडीए दवा खाना है, फाइलेरिया को भगाना है

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

छपरा । जिले में फाइलेरिया से बचाव के लिए आईडीए दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा। इसमें सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए विभागीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। विभाग के प्रयास को अब समुदाय के आम लोगों का साथ मिल रहा है। गांव स्तर पर फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क सदस्यों के द्वारा जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को जिले के सोनपुर प्रखंड के नवडीहा में फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क के सदस्यों राम बाबू शर्मा और संजय शाह के द्वारा द प्राइम अकेडमी स्कूल के छात्र-छात्राओं और शिक्षक-शिक्षकाओं के साथ फाइलेरिया से बचाव के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जागरूकता रैली निकाली गयी।

जिसमें फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों को भी शामिल किया गया। रैली के माध्यम से स्कूली बच्चों ने फाइलेरिया को मिटाने के लिए दवा सेवन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमजनों से अपील की । स्कूली बच्चों और फाइलेरिया पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क के सदस्यों ने स्लोगन के माध्यम से कहा कि एमडीए दवा खाएंगे, फाइलेरिया को दूर भगाएंगे। इस दौरान नेटवर्क सदस्यों के द्वारा अपने अनुभवों से आमजनों को जागरूक किया गया तथा दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रेरित किया गया। अपील की गयी कि सभी लोग दवा का सेवन करें ताकि बीमारी से बचाव हो सके और आनेवाली पीढ़ी सुरक्षित रहे । रैली में स्कूल के प्रबंधक मनिता कुमारी, संजीव सिंह, आरती सिंह, राका शर्मा, मुकेश कुमार, विनय कुमार, राहुल कुमार ने भाग लिया।

आहार और सफाई का रखें ख्याल:

बच्चों के द्वारा रैली के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया है। इस दौरान इस बात की जानकारी दी गयी कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होता है। मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। इसलिए इस रोग से बचना है, तो आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी, कूड़ा जमने ना दें, जमे पानी पर कैरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें, सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें। एक तरफ जहां मरीजों का उपचार एवं प्रबंधन तो दूसरे तरफ ज्यादा से ज्यादा लोगों को साल में एक बार दवा का सेवन कराना आवश्यक है।

मानसिक और सामाजिक स्थिति पर भी पड़ता है बुरा प्रभाव:

जिला वेटर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार ने बताया कि आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। लेकिन पसीना, सिर दर्द, हड्डी व जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, उल्टी आदि के साथ बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक और सामाजिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता ।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button