प्रसव नहीं है कोई बीमारी, नहीं मिलेगा सरकारी कर्मियों को चिकित्सा भत्ता
– सरकार ने जारी किया आदेश
– सरकारी कर्मियों की पत्नी या महिला सरकारी कर्मचारियों के प्रसव होने पर नहीं मिलेगी चिकित्सा भत्ता
( संजीवनी स्पेशल)
@गुड्डू राय
छपरा : राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों तथा पदाधिकारियों की पत्नी के प्रसव होने तथा सरकारी महिला कर्मचारियों पदाधिकारियों के प्रसव होने की स्थिति में चिकित्सा भत्ता का भुगतान नहीं करने का आदेश दिया है। सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा निर्देशों के अनुसार प्रसव कोई बीमारी नहीं है। ऐसी स्थिति में प्रसव को लेकर सरकारी कर्मचारियों के द्वारा किए जाने वाले दावे मान्य नहीं होंगे और उन्हें किसी भी तरह का भुगतान नहीं दिया जाएगा।
सरकार के संयुक्त सचिव राम ईश्वर ने सिविल सर्जन, डीएम, प्रमंडलीय आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों को इस आशय का पत्र भेजा है और कहा है कि राज्य सरकार के कर्मियों को चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति करने का प्रावधान है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रतिपूर्ति से संबंधित अंतर्वासी चिकित्सा के लिए जिन बीमारियों का नाम उल्लेखित है, उसी का भुगतान करना है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा वर्ष 2017 में 15 फरवरी को अंतर्वासी चिकित्सा के लिए मार्गदर्शन दिया गया है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग के प्रतिपूर्ति से संबंधित वर्ष 2006 में 2 जून को जारी संकल्प एवं 14 अगस्त 2006 को जारी किए गए बीमारियों के नाम की सूची संलग्न है। उसमें प्रसव नामक किसी बीमारी की चर्चा नहीं है।
ऐसी स्थिति में उस सूची के अतिरिक्त किसी भी अन्य बीमारियों के लिए चिकित्सा भत्ता का भुगतान नहीं करना है। सरकार के निर्देशों के अनुसार पूर्व में जारी किए गए सूची के अनुसार ही चिकित्सा भत्ता का भुगतान मान्य होगा। सिजेरियन या सामान्य प्रसव की स्थिति में चिकित्सा भत्ता का भुगतान सरकारी कर्मियों को नहीं किया जाएगा।