सदर अस्पताल में महिला की मौत के बाद परिजनों किया जमकर हंगामा, डॉक्टर पर लगा लापरवाही का आरोप
छपरा । सदर अस्पताल में करंट लगने घायल महिला के इलाज के दौरान परिजनों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया । हंगामा कर रहे लोगों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पङी । करीब एक घंटे तक अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल रहा। चिकित्सक को अपनी जान बचाकर अस्पताल से भागना पड़ा। हुआ यह कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करिंगा मुसेहरी गांव निवासी राधाकृष्ण महतो की पत्नी रिना देवी को करंट लग गया । इस घटना के बाद परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया । सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में तैनात चिकित्सक ने महिला को मृत घोषित कर दिया ।
परिजन उसे लेकर घर चले गये । घर जाने के बाद अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे । इस बीच महिला के शरीर में हरकत हुई जिससे परिजनों को लगा कि महिला जीवित है । परिजन फिर उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंचे तो, चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया । इस पर परिजन आक्रोशित हो गये और तोड़ फोड़ करने लगे । चिकित्साकर्मियों के साथ मारपीट करने लगे । मारपीट व हंगामा देखकर चिकित्सक डा हरिश्चंद्र प्रसाद वहां से भाग खङे हुए । इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को दी । सूचना पाकर मौके पर भगवान बाजार थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र कुमार दल बल के साथ पहुंचे। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ । पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम कराया और परिजनों को सौंप दिया । इसकी जानकारी होते ही उपाधीक्षक डा शंभूनाथ सिंह भी आपातकालीन कक्ष में पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक से घटना की जानकारी लिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में बेवजह तोड़ फोड़ करने तथा अस्पताल में हंगामा करने के मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
घर की सफाई करते समय लगा करंट
बताया जाता है कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करिंगा मुसेहरी गांव निवासी राधाकृष्ण महतो की पत्नी रिना देवी (35 वर्ष ) अपने घर की सफाई कर रही थी । इसी दौरान धारा प्रवाहित विद्युत तार की चपेट में आ गयी और जख्मी हो गयी जिले इलाज के लिए सदर अस्पताल में लाया गया । अस्पताल में चिकित्सक ने जांच कर महिला को मृत घोषित कर दिया । लेकिन घर ले जाने के बाद महिला के शरीर में हरकत होने के बाद दुबारा अस्पताल पहुंच कर परिजनों ने उत्पात मचाया। इस मामले में चिकित्सक का कहना है कि मौत के बाद दुबारा जीवित होने की कोई बात नहीं है लेकिन कभी कभी गलतफहमी हो जाती है । चार माह पहले भी इसी तरह की घटना हुई थी ।
क्या कहते हैं चिकित्सक
महिला की मौत पहले ही हो गयी थी और परिजनों ने दुबारा अस्पताल पहुंच कर हंगामा किया। अस्पताल में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही है । इस मामले में सिविल सर्जन व उपाधीक्षक को पत्र लिख कर बिहार पुलिस के जवानों की तैनाती की मांग की जा रही है।इस घटना की सूचना के तुरंत बाद ही पुलिस पहुंच गयी और मामले को शांत कराया ।
डॉ हरिश्चंद्र प्रसाद
चिकित्सा पदाधिकारी
सदर अस्पताल, छपरा
क्या कहते हैं उपाधीक्षक
अस्पताल में हंगामा व तोड़ फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी । घटना के समय की सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला जा रहा है और दोषियों को चिन्हित किया जा रहा है । यह घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है । सदर अस्पताल की संपत्ति सरकारी संपत्ति है और इसे नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जायेगा। समय पर पुलिस नहीं पहुंचती तो, कोई अप्रिय घटना हो सकती थी ।
डा शंभूनाथ सिंह
उपाधीक्षक
सदर अस्पताल, छपरा
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
अस्पताल में हंगामा की सूचना के तुरंत बाद ही पुलिस पहुंच गयी और मामले को शांत कराया गया । शव का पोस्टमार्टम कराकर उसके परिजनों को सौंप दिया गया है । इस मामले में अस्पताल प्रशासन से लिखित शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी ।
सुरेन्द्र कुमार
थानाध्यक्ष सह
पुलिस निरीक्षक, भगवान बाजार, छपरा